लेकिन इससे हमें जो लाभ हुआ, उसका लेखा-जोखा करना कठिन है।
2.
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ व्यक्ति को अपने पोर्टफोलियो का लेखा-जोखा करना चाहिए।
3.
क्या मृत्यु के बाद भी किसी व्यक्ति के जीवन का सही लेखा-जोखा करना संभव है?
4.
ऐसे लोगों में डा. हेडगेवार भी थे. डा. हेडगेवार के क्रान्तिकारी कामोंका लेखा-जोखा करना बहुत कठिन है.
5.
युगों-युगों का लेखा-जोखा करना है और महज एक दिन? जितनी चाहे चिंता कीजिए, जितना चाहे परिसंवाद, बस यही एक दिन है, फिर तो नौ मार्च, दस मार्च, ग्यारह मार्च से लेकर तीन सौ चौंसठ दिवस हैं, वह है उसकी अत्यधिक व्यस्तताएँ हैं, अत्याचार हैं, निरंतर वृद्धिमान आँकड़े हैं और संवेदना के स्तर पर कभी-कभी कुछ भी हलचल न मचाने वाली 'सामान्य' सी बलात्कार की घटना है (?) ऐसा क्या चाहा है उसने इस समाज से, जो वह देने में सक्षम नहीं है?
6.
युगों-युगों का लेखा-जोखा करना है और महज एक दिन? जितनी चाहे चिंता कीजिए, जितना चाहे परिसंवाद, बस यही एक दिन है, फिर तो नौ मार्च, दस मार्च, ग्यारह मार्च से लेकर तीन सौ चौंसठ दिवस हैं, वह है उसकी अत्यधिक व्यस्तताएँ हैं, अत्याचार हैं, निरंतर वृद्धिमान आँकड़े हैं और संवेदना के स्तर पर कभी-कभी कुछ भी हलचल न मचाने वाली ' सामान्य ' सी बलात्कार की घटना है (?) ऐसा क्या चाहा है उसने इस समाज से, जो वह देने में सक्षम नहीं है?